4 साल पहले हुई ड्राइवर की संदिग्ध मौत के मामले में धरनावदा के तत्कालीन थाना प्रभारी रामवीर सिंह कुशवाह और प्रधान आरक्षक हरिमोहन सिंह परिहार की लापरवाही उजागर होने के बाद दोनों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। दोनों ने ड्राइवर की जिंदा पत्नी को मृत बताकर उसी के गम में आत्महत्या की कहानी बनाकर खात्मा रिपोर्ट लगा दी थी।
कुशवाह वर्तमान में एससीआरबी भोपाल में पदस्थ हैं, जबकि परिहार की मृत्यु हो चुकी है। मृतक के परिजनों ने कार्रवाई के लिए लगातार शिकायत की, लेकिन तत्कालीन अधिकारियों ने कोई सुनवाई नहीं की। परेशान होकर उन्होंने हाईकोर्ट ग्वालियर में गुहार लगाई। इसके बाद पूरे मामले में फिर से जांच के आदेश दिए गए। धरनावदा थाना प्रभारी नीरज बिरथरे ने मामले की जांच की तो तत्कालीन थाना प्रभारी द्वारा तैयार की गई झूठी कहानी सामने आ गई।
जली अवस्था में मिला था युवक
रुठियाई कस्बे में 20 जून 2015 को रायल सेल्स पेट्रोल पंप के पास ललितपुर ( यूपी) निवासी माखन सिंह कुशवाह जली अवस्था में पाया गया था। सूचना के बाद रुठियाई चौकी से प्रधान आरक्षक हरिमोहन सिंह, थाना प्रभारी रामवीर सिंह और आरक्षक विनीत भारद्वाज मौके पर पहुंचे थे। युवक को जिला अस्पताल में भर्ती किया, जहां उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई। मृतक ट्रक ड्राइवर था।
ये कैसी जांच : न बयान लिए न सबूत जुटाए
- घटना स्थल पर थाना प्रभारी पहुंचे, लेकिन मृत्यु पूर्व कोई बयान दर्ज नहीं किए।
- आसपास सीसीटीवी कैमरे लगे थे, लेकिन सबूत के तौर पर फुटेज तक नहीं जुटाए गए।
- एफएसएल अधिकारी से घटनास्थल का मुआयना कराया जाता है। लेकिन उनसे कोई राय नहीं ली गई।
- ट्रक भी पेट्रोल पंप के आसपास खड़ा मिला था, लेकिन इसे भी जांच में शामिल नहीं किया गया।
- मृतक की पत्नी ऊषाबाई जिंदा है, परिजनों के बयान लिए बिना उसे मृत बताते हुए उसी के गम में खुद को जलाकर आत्महत्या की कहानी तैयार की गई।